à¤à¤—वान शिव चालीसा à¤à¤—वान शिव चालीसा ॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अà¤à¤¯ वरदान॥ ॥ चौपाई ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ à¤ाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शि…